Friday, December 2, 2011

लहरें: नैना लग्यां बारिशाँ

लहरें: नैना लग्यां बारिशाँ: वो आती तो हवाओं को हलके से छू कर खिलखिला देती, पलकें झपकतीं और हवा मुस्कुराती उसकी मासूमियत पर और अपनी मुट्ठी में उसकी उँगलियों की थिरकन को ...

No comments: